Part 3- ZINDAGI TERE NAAM KI : साहब से शादी,, साहब की मंज़ूरी,,नव्या का फैसला,,,,,,,

LOCATION – नव्या का घर { ZINDAGI TERE NAAM KI }
नव्या और उसके पेरेंट्स दोनों ही हाल में बैठे थे वहीं हाल का माहौल कुछ ठीक नहीं था ,, मुकेश जी का कॉल आने पर वह वहां से उठकर थोड़ा आगे जाकर खिड़की के पास से साहब से कॉल में बात कर रहे थे । । । । । । । । ।
वही नव्या ने एक नजर अपनी मां की ओर देखा जिनके चेहरे से ही समझ आ रहा था कि वह किसी असमंजस में है ,,,
नव्या ने गहरी सांस ली और अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़ लिया उसके नाखून उसकी हथेली पर चुभ रहे थे । । । ।
आज केवल साहब के फैसले पर ही उसका भविष्य निर्धारित था वह काफी पेशेंस के साथ अपने पापा महेश जी के कॉल पर बात खत्म होने का वेट कर रही थी । । । । । । । । उसकी आंखों में एक बेचैनी थी करीब 10 मिनट की बात होने के बाद मुकेश जी ने फाइनली कॉल रख दिया और वापस हाल में आए । । । उन्होंने एक नजर आशा जी की ओर देखा और फिर नव्या की ओर । । । । । । । । ।
नव्या अपने पापा की ओर ही देख रही थी मुकेश जी ने गहरी सांस ली और सोफे पर बैठ गए मुकेश जी के ऐसा करते ही नव्या की आंखों से आंसू आ गए जैसे कि उसे पता चल गया हो कि साहब ने आखिर क्या फैसला लिया होगा। । । । । । । ।
मुकेश जी ने अपनी छूटी हुई बात कहने की कोशिश की,,,, देखो नव्या मैं तुम्हारी बात समझ रहा हूं पर तुम हमारी भी बात । । । ।
अभी मुकेश जी ने इतना ही कहा था कि नव्या ने बिना कुछ सोचे समझे मुकेश जी से कहा । । । ।
पापा बात आप नहीं समझ रहे है मेरी ,,, मुझे तो ऐसा लगता है कभी-कभी कि मैं आपकी बेटी हूं ही नहीं । । । । । । । । ।
जिस अधिकार के साथ साहब मेरे फ्यूचर का डिसीजन लेते हैं उतना अधिकार तो आप लोगों ने भी मुझ पर नहीं कभी नहीं दिखाया । । । । । । आखिर आप मुझे बता क्यों नहीं देते कि क्या रिश्ता है हमारा साहब से जो आप लोगों को मेरी खुशियो से पहले उनकी रजामंदी चाहिए होती है । । । । । । । ।
सच क्या है आखिर कौन है यह साहब जो दूर बैठे बैठे मेरी जिंदगी को नर्क बना रहे हैं ,,, इसके साथ ही वह गुस्से से उठी और तमतमाती हुई अपने रूम की ओर चली गई । । । । । । ।
नव्या को इतने गुस्से में जाते देख आशा जी ने मुकेश जी की ओर देखा, मुकेश जी ने आंखों के ईसारे से उन्हें चुप रहने के लिए कहा ,,, क्योंकि वह अपनी बेटी का गुस्सा जानते थे अभी अगर किसी ने भी उससे बात की तो बात और भी बिगड़ सकती है । । । । । । । । । । ।
वह बस इंतजार कर रहे थे साहब के जवाब का उन्होंने नव्या के सपने से लेकर हर एक चीज साहब को बता दी थी पर इतने में ही साहब का कुछ इंपॉर्टेंट काम आ गया जिस कारण मुकेश जी से उनकी बात हो नहीं पाई और यही बात वह नव्या से कहना चाहते थे पर नव्या ने उनकी बात पूरी सुनी ही नहीं और पहले ही ओवर रिएक्ट कर दिया । । । । । । । ।
करीब आधे घंटे बाद आशा जी ने मुकेश जी से कहा कि,, आप जाकर देखिए ना नव्या को,, ऐसे हम अपनी इकलौती बेटी को दुखी नहीं कर सकते । । । । । । । ।
मैं मानती हूं कि साहब का आपकी लाइफ में बहुत बड़ा योगदान है पर वह हमारी बच्ची है हम उसका नहीं सोचेंगे तो कौन सोचेगा,, उसका कहना भी गलत नहीं है आखिर साहब क्यों उसकी लाइफ का फैसला लेते हैं यह जानने का उसे हक है और मुझे लगता है अब आपको वह बात उसे बता देनी चाहिए । । । । । अब हमारी बेटी उस उम्र पर पहुंच चुकी है जहां हम उसे थोड़ी-थोड़ी बातों से बहला फुसला नहीं सकते । । । । । । । ।
आशा जी के समझाने पर मुकेश जी ने गहरी सांस भरी और दोनों ही नव्या के रूम की ओर चले गए ,, नव्या ने अपने रूम का दरवाजा बंद किया हुआ था पर मुकेश जी जानते थे कि उनकी बेटी कभी भी अंदर से दरवाजा लॉक नहीं करेगी भले ही वह कितने ही गुस्से में क्यों ना हो । । । । । । । उन्होंने फिर भी प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए एक बार दरवाजा नोक किया पर नव्या ने कोई जवाब नहीं दिया । । । । । । । । ।
आशा जी ने आंखों के इशारे से उन्हें अंदर जाने के लिए कहा अपनी पत्नी का इशारा समझ मुकेश जी ने दरवाजा खोला और अपनी सरसरी निगाहें पूरे कमरे में डाली नव्या कहीं भी नहीं थी । । । उन्होंने फिर बालकनी की ओर देखा उन्हें अच्छे से पता था कि नव्या इस समय कहां होगी । । । । । । । । । । ।
दोनों ही दंपति सीधे बालकनी की ओर गए तो देखा श्रेया वही झूले पर बैठी रेलिंग पर अपना सर टिकाए बैठी हुई थी उसका पूरा चेहरा आंसुओं से भरा हुआ था । । । । । । । । । ।
अपनी बेटी को इस दशा में देख आशा जी का दिल भर आया वही मुकेश जी की आंखों में हल्के आंसू आ गए वह अपनी बेटी को इस हालत मैं नहीं देख पा रहे थे,, पर वह भी मजबूर थे क्योंकि नव्या उनकी बेटी सही पर वह साहब की जिम्मेदारी थी । । जो कि उनके पास थी । । । । । । । । ।
वह दोनों धीमे कदमों से नव्या की ओर गए और मुकेश जी ने नव्या की कंधे पर हाथ रखा,, अपने पापा का स्पर्श पाकर नव्या ने मुकेश जी की ओर देखा नव्या का पूरा चेहरा रोने से लाल पड़ा हुआ था और आंखों से झरझर करते आंसू आ रहे थे । । । । ।
नव्या की ऐसी हालत दोनों से ही देखी नहीं जा रही थी मुकेश जी ने खुद को संभाला और वही नव्या की पास ही बैठ गए ,, नव्या के बालकनी में जो झूला था वह काफी बड़ा था ,,
वही मुकेश जी और नव्या के सामने आशा जी खड़ी हो गई मुकेश जी ने नव्या का हाथ अपने हाथों में लेते हुए प्यार से चुमते हुए कहा बेटा,,,,,
हम तुम्हारे दुश्मन नहीं हैं पर हम यदि किसी चीज के लिए मना कर रहे हैं तो उसमें कुछ ना कुछ तुम्हारी भलाई छुपी हुई है और मैं मानता हूं कि हमने जितनी भी पाबंदियां तुम पर लगाई तुमने कभी भी उन सब बातों का उल्लंघन नहीं किया और इस बात पर हमें गर्व है पर यह सब पाबंदियां हमने इसलिए नहीं लगाई थी कि तुम अपनी जिंदगी अपने तरीके से ना जी सको बस हम नहीं चाहते थे कि कोई तीसरा इंसान तुम्हारा दिल दुखाए और आज का समय तुम बहुत अच्छे से जानती हो कैसा है ,, और रही बात तुम्हारे सपने की हम समझते हैं पर तुम भी यह जानती हो कि जिस जगह तुम जाना चाहती हो वह जगह तुम्हारे लिए सही नहीं है । । । । । । ।
मुकेश जी अभी बोल ही रहे थे कि नव्या ने अपनी नाक सिकुड़ते हुए मुकेश जी को घूर कर देखा नव्या के ऐसे घूरने पर मुकेश जी सकपका गए और उन्होंने अपनी बात संभालते हुए कहा मेरा कहने का मतलब यह है कि तुम्हारे जैसे अच्छे लोग वहां मौजूद नहीं है,,,,, वहां पर भेड़ की शक्ल में भेड़िया रहते हैं, बेटा तुम अभी उन लोगों को जानती नहीं हो और तुमने बिना हमारी जानकारी में आए इतना बड़ा फैसला ले लिया । । । । । हम तुम्हें मना नहीं करते लेकिन तुम हमसे यह बात डिसकस तो कर सकती थी ना । । । । । । । । ।
नव्या अभी अपनी बात समझाने के लिए कुछ बोलने ही वाली थी कि इतने में ही मुकेश जी का मोबाइल बजा मुकेश जी की आंखों में चमक आ गई उन्होंने तुरंत मोबाइल अपने जेब से निकाला और देखा उसमें साहब का मैसेज था । । । । । । । ।
उस मैसेज को पढ़कर मुकेश जी को आश्चर्य के साथ-साथ झटका भी लगा वही आशा जी और नव्या अपने पति और पापा के बनते बिगड़ते भावों को देख रही थी । । । । । । । । ।
पूरा मैसेज तसल्ली के साथ पढ़ लेने के बाद मुकेश जी ने अपना मोबाइल बंद किया और वापस से रुख नव्या की ओर किया । । । । । । । । ।
नव्या और आशा जी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे मुकेश जी के कुछ बोलने का मुकेश जी ने नव्या और अपनी पत्नी की ओर देखा जो कि सीरियस भावों के साथ उन्हें ही देख रही थी उन्होंने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए अपने दोनों हाथों से नव्या का चेहरा पकड़ा और उसके माथे को चुमते हुए कहा ,,,, तुम्हें एक्ट्रेस बनना है ना अपने पापा के बदले हुए जेस्चर को देख नव्या थोड़ी कंफ्यूज हो गई पर अपने पापा के किए गए सवाल को सुनकर उसने हां में सिर हिलाया । । । । । । । । ।
तो ठीक है तुम उस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर दो मुकेश जी की बात सुनकर नव्या के चेहरे पर चमक आ गई और वह अपनी जगह पर खुशी से उछल पड़ी । । । । । । । । ।
नव्या को इतना खुश देख आशा जी के चेहरे पर हल्के आश्चर्य के भाव के साथ-साथ खुशी भी थी कि आखिर साहब ने नव्या को इस बात की मंजूरी कैसे दे दी । । । । । । । ।
जो साहब कभी उसे किसी लड़के के साथ बात करने की मंजूरी नहीं देते उन्होंने उसे फिल्म इंडस्ट्री में जाने की मंजूरी दे दी जबकि वह जानते थे की फिल्म इंडस्ट्री एक तरह का कुआं है जो कि ऊपर से ही अच्छा लगता है लेकिन उसके अंदर गहराई में जाने पर ही पता चलता है कि वहां क्या-क्या गहरे राज मौजूद हैं । । । । । । । । ।
वही अभी नव्या अपनी ख़ुशी मना ही रही थी कि मुकेश जी ने नव्या से कहा बेटा पहले मेरी पूरी बात सुन लो । । । । । ।
अपने पापा की सीरियस आवाज सुन नव्या अपनी जगह पर जम सी गई उसने मुकेश जी की ओर देखा जो कि उसे ही देख रहे थे । । । ।
वह वापस अपनी जगह पर बैठ गई वहीं आशा जी जिन्हें उम्मीद थी कि साहब इतनी आसानी से इस बात को नहीं मानेंगे आखिरकार उन्होंने उन्हें सही साबित किया । । । । ।।।
नव्या ने अपने पापा की ओर देखकर कहा और कौन सी बात है पापा । । । । । । । ।
तुम्हें फिल्म इंडस्ट्री में जाना है और उस मूवी को करना है पर इन सब की मंजूरी साहब तुम्हें तभी देंगे जब तुम हमारी एक बात मानोगी अपने पिता की बात सुन नव्या ने कंफ्यूजन में उनकी तरफ देखा और कहा हमारी मतलब आपकी और मम्मा की ना कि इसमें भी साहब ही इंवॉल्व है । । । । । । । । ।
मुकेश जी ने लाचारी से अपनी बेटी की तरफ देखा और हां में सिर हिलाया अपने पापा की बात सुन नव्या के चेहरे पर गुस्से भरे भाव आ गए और उसने अपने हाथों की मुठिया कस ली,, और वैसे ही रूखे व्यवहार के साथ कहा बोलिए मुझे मेरे सपने को जीने के लिए अब आपके साहब की कौनसी नई डिमांड को मानना होगा । । । । । । । । ।
मुकेश जी ने थोड़ी हिचकिचाहट के साथ कहा ,,,, बेटा तुम्हें उनसे शादी करनी पड़ेगी । । । । । जैसे ही मुकेश जी ने यह कहा तुरंत ही वहां ऐसा सन्नाटा छाया के जैसे उस जगह पर कोई भी ना हो पिन ड्रॉप साइलेंस हो गया था । । । । । । । ।
आशा जी ने चौंकते हुए अपने हाथों को मुंह पर रख लिया वही नव्या को तो ऐसा लग रहा था जैसे उसे सांप ही सूंघ गया हो । । । । अपनी बीवी और बेटी का ऐसा रिएक्शन देख मुकेश जी ने अपना सिर पकड़ लिया । । । । । । ।
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क्या बात कर रही है तू अभी तेरी उम्र ही क्या है और तू शादी करेगी,,,, तेरे मम्मी पापा भी अजीब है नव्या खाली एक सपने को पूरा करने के लिए वह तुझे बली का बकरा बना रहे हैं ,,, मुझे यह उम्मीद नहीं थी अंकल आंटी से उन्हें तो खुश होना चाहिए कि उनकी बेटी को इतनी बड़ी अपॉर्चुनिटी मिली है,, कितने लोग इस मूवी को साइन करने के लिए लाइन पर खड़े हैं और यहां तुम्हें आसानी से यह मौका मिला और यहां तुम्हारे मॉम डैड तुम्हारी शादी की बात कर रहे हैं क्या अंकल आंटी पागल हो गए हैं । । । । । । क्या होगा जब उन्हें उस कॉन्ट्रैक्ट में लिखी हुई बातों के बारे में तुम्हारे वह सो कॉल्ड साहब और अंकल आंटी को पता चलेगा तुमने तो वह साइन करके भेज दिए है । । । नव्या की फ्रेंड लगातार चिल्ला चिल्ला कर बड़बड़ाए जा रही थी वहीं नव्या का सर दर्द से फटा जा रहा था पता नहीं उसकी जिंदगी किस मोड़ पर आ गई है तो दोस्तों किसी मोड़ पर आई है नव्या की जिंदगी जानने के लिए देखते रहिए मेरी स्टोरी ZINDAGI TERE NAAM KI सिर्फ निको वर्ल्डस के साथ ……। । । । । । । । । । ।
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