रोमांचक कहानी : ” SUMMER OF LOVE “श्रेया की बेइंतेहा मोहब्बत ओर वंश का जूनून -पार्ट 1

Part 1 – Summer of love : श्रेया का माउन्ट टाबू आना 

 

SUMMER OF LOVE

LOCATION – MAUNT TABU ( माउंट आबू )

Hello masi……….

मैं बाहर ही खड़ी हूं पर आप मुझे कहीं नजर नहीं आ रही हैं  । ।     श्रेया  जोकि अभी ट्रेन से उतरी थी उसने कॉल लगाकर अपनी मासी रीना जी से कहा । । । । । । ।

बस बेटा पहुंच ही गई दूसरी तरफ से रीना जी ने कहा वह इस समय अपनी बहन की बेटी श्रेया को लेने रेल वे स्टेशनआई हुई थी । । । । । । । । । ।

श्रेया के माता-पिता दोनों की ही एक कार दुर्घटना में 5 साल पहले  मौत हो चुकी थी और रिश्ते के नाम पर श्रेया की एक मासी ही थी जो कि पहले से ही तलाकशुदा थी उनके कोई बच्चे नहीं थे वह अकेले ही माउंट आबू में रहा करती थी । । । । । ।

श्रेया को बहुत मनाने के बाद आखिरकार श्रेया उनके पास अपनी  छुट्टियों में रहने चली आई थी । । । । । । । ।

यहां पर उसके अपने माता-पिता के साथ बहुत पुरानी यादें थी जिन्हें वह याद नहीं करना चाहती थी पर अपनी मासी मां के प्यार को देखते हुए वह उन्हें मना नहीं कर पाई आखिर उसकी मांसी मां ने भी तो इतना सफ़र किया था और वह नहीं चाहती थी की बाकी रिश्तो के जैसे उसका और उसकी मासी मां का रिश्ता भी केवल हाल-चाल वाला रहे । । । । । । वह अपनी मासी मां के लिए हमेशा खड़ी रहना चाहती थी आखिर वह उनसे से प्यार जो इतना करती थी । । । । । । । ।

सामने से आई व्हाइट कलर की कार को देख श्रेया के चेहरे पर मुस्कान फैल गई पूरे 3 साल बाद वह अपनी मासी मां को आमने-सामने देख रही थी  । । । । । । । । । ।

उसके माता-पिता के एक्सीडेंट के बाद रीना जी श्रेया को मिलने दिल्ली चली जाया करती थी । । । । । पर इन तीन सालों में ना ही वह श्रेया से मिलने दिल्ली गई और ना ही श्रेया यहां आ पाई । । ऐसा क्यों हुआ यह सब श्रेया नहीं जानती थी पर रीना जी हमेशा उसके कांटेक्ट में रही पर अचानक से पता नहीं उन्हें क्या हुआ इस बार वह श्रेया के पीछे ही पड़ गई कि इस बार श्रेया कुछ टाइम के लिए उनके साथ माउंट आबू में टाइम स्पेंड करें । ।

पर श्रेया थी कि वहां से आना ही नहीं चाहती थी उसने अपनी सारी पढ़ाई हॉस्टल में ही रहकर की श्रेया की माता-पिता दोनों ने हीं लव मैरिज की थी जिस कारण उनके घर वालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था ना ही उन्होंने कभी अपनी पोती का मुंह देखा ना ही हाल-चाल पूछ यहां तक की अपने बेटे के मरने के बाद भी उन्हें लगा नहीं कि उनकी इकलौती संतान का क्या होगा ।

हमारे भारत में भले ही कितनी ही एजुकेशन बढ़ जाए पर इंटर कास्ट मैरिज को कोई भी एक्सेप्ट करता ही नहीं वह किस्मत वाले होते हैं जिनके मां-बाप अपने बच्चों की खुशी देखकर उसे एक्सेप्ट कर लेते हैं पर कुछ मां-बाप श्रेया के  दादा दादी के जैसे भी होते हैं जो अपनी इज्जत के लिए अपने बच्चों को दूर कर सकते हैं पर अपनी इज्जत से समझौता नहीं । । । । । । ।

रीना जी ने जैसे ही श्रेया को रेलवे स्टेशन के सामने देखा उनके चेहरे पर यकायक मुस्कान आ गई है जल्दी से कार से बाहर आई और उसकी तरफ दौड़ पड़ी कुछ ऐसा ही हल श्रेया का भी था । । । । । । । । । ।

अपनी मासी मां को इतने समय बाद देखकर उससे रहा नहीं गया सारा सामान छोड़कर वह उनकी तरफ दौड़ पड़ी दोनों  ने हीं एक दूसरे को आगोश में भर लिया । । । । । । । । ।

ऐसा लग रहा था की  वर्षों बाद मां बेटी का मिलन हो रहा है आसपास खड़े लोग मुस्कुराते हुए दोनों को देख रहे थे रीना जी ने प्यार से श्रेया का पूरा चेहरा चूम लिया भले वह श्रेया की सगी मां नहीं थी पर श्रेया से प्यार भी बहुत करती थी । । । । । ।

श्रेया को उन्होंने अपनी बेटी जो माना था खूब सारा दुलार करने के बाद उन्होंने श्रेया को ऊपर से नीचे देखा क्या बात है बेटा डाइटिंग कर रही हो क्या इतनी पतली क्यों हो गई हो क्या तुम्हारे हॉस्टल वाले तुम्हें अच्छा खाना नहीं देते । । । ।इसीलिए मैं तुमसे कहती थी कि आकर मेरे पास रहो अरे क्या कमी है हमारे यहां इतना अच्छा स्कूल कॉलेज है यहां पर पर तुम्हें ही दूर रहना है  । । । । । । । । । । ।

 

मांसी मा आप तो जानती हैं ना मैं यहां क्यों नहीं आना चाहती । । श्रेया ने अपना सिर झुकाते हुए कहा । । । । । । । । ।

अरे बाबा ठीक है चलो अब आ गई हो तो इस बार की छुट्टियों में तुम्हारे  सिंगिंग क्लास के एडमिशन की सारी तैयारी कर ली है मैं कल ही  जाकर हम तुम्हारा एडमिशन कराएंगे । । । । । ।

पता है पता है मेरी गोलू मोलू मासी । । । । ।

मुझसे ज्यादा तो आप एक्साइटेड है मुझे यहां देखकर अरे हां चलो भी तुम्हारे लिए और भी सरप्राइज है घर में । । । । । ।

 

रुको मैं तुम्हारी हेल्प करती हूं तुम्हारे सामान को उठाने में । । ।

अरे कोई जरूरत नहीं है मैं पतली दिखती जरूर हूं लेकिन बहुत स्ट्रॉन्ग हूं आप कार में बैठो में सामान रख देती हूं । । । । । ।

अपनी प्यारी सी बेटी को देख रीना जी मुस्कुराते हुए ड्राइविंग सीट पर बैठ गई और वहीं श्रेया ने सारा सामान कार की डिक्की में रख दिया दोनों ही एक दूसरे से बातें करते हुए घर पहुंच गए जैसे ही रीना जी की कार घर के सामने रुकी श्रेया के सामने वह पल एक सपने के जैसे दौड़ने लगे जब वह और उसके माता-पिता यहां पर छुट्टियों में टाइम स्पेंड किया करते थे । । । । ।

 

उस समय रीना जी अपने हस्बैंड के साथ रहा करती थी उनके हस्बैंड कहने को तो बहुत बड़े बिजनेसमैन थे पर रीना जी को माउंट आबू का इतना मोह था कि उन्होंने इस जगह को छोड़ना सही नहीं समझा पर इस वजह से उनके रिश्तों में खटास जरूर आ गई अब यह खटास दूर रहने की थी या एक दूसरे की फिलिंग्स की यह तो रीना जी ही जानती हैं पर श्रेया जैसे-जैसे बड़ी हुई उसे अच्छे से समझ आ रहा था कि रीना जी और उनके हस्बैंड मुकेश जी का रिश्ता उसके माता-पिता जैसे नहीं था उसके माता-पिता जहां एक दूसरे की केयरिंग किया करते थे । ।

वहीं केयरिंग तो उन दोनों के रिश्ते में केवल रीना जी की तरफ से ही थी बाकी मुकेश जी तो केवल अपनी जिम्मेदारी निभाते थे जैसे कि उन पर दबाव हो अपने माता-पिता का रीना जी की देखभाल का एक टाइम बाद ऐसा आया कि रीना जी  ने इन सबसे थक हार कर मुकेश जी से अलग होने का फैसला ही कर लिया । । । । । । । । ।

 

श्रेया ने रीना जी के बारे में अपनी मां से बहुत सुना था कि वह उसके मौसा जी के प्यार में बिल्कुल पागल थी उसके मौसा जी उससे शादी नहीं करना चाहते थे पर रीना जी के पागलपन को देखते हुए मुकेश जी के माता पिता ने उन दोनों की शादी का फैसला लिया  । । । । । ।   लेते भी क्यो न रीना जी उनकी पहली पसंद थी उनके बेटे के लिए  । । । । ।

परिवार के दबाव के कारण आखिरकार मुकेश  जी को उनसे शादी करनी ही पड़ी पर क्या यह सही था क्या यह गलती नहीं थी जो इंसान तुमसे प्यार ही ना करता हो और तुम उसके लिए पागल हुए जा रहे हो  । । । । । । ।

ऐसे  रिश्ते का अंत सुखद हो ही नहीं सकता था । । । । । । । और उसी का उदाहरण रीना जी और मुकेश जी का रिश्ता था  उन दोनों को अलग हुए पूरे 10 साल हो चुके थे इन 10 सालों में रीना जी ने मुड़कर मुकेश जी की तरफ नहीं देखा शायद उन्हें एहसास था कि रिश्ता दो दिलों की रजामंदी से होता है न कि दबाव के कारण । । । । । । ।

 

TO BE CONTINUE : SUMMER OF LOVE

एक अकेडमी के बाहर खड़ी श्रेया ने एक गहरी साँस ली आज उसका यहाँ पहला दिन था अकेडमी  का नाम तरंग था जोकि सुनहरे अक्षरो से लिखा हुआ था श्रेया जैसे ही अन्दर आई उसे कुछ अजीब महसूस हुआ इन सब खयालों को झटक उसने रिसेप्सनिस्ट से अपनी क्लास का पता कर वह चली गई | क्लास खाली थी  तो उसने वही कोने की सीट ली ओर उसमे बैठ गई |     तुम यहाँ पर पहली बार आई हो श्रेया जोकि अपने गिटार को सही कर रही थी अपने पीछे से आई आवाज को सुनकर  उसने पीछे  मुड़कर देखा तो वोह चौंक  गई उसके चेहरे पर कुछ अलग ही भाव आ गये आखिर किसे देखा श्रेया ने जानने के लिए बने रहिये  मेरी स्टोरी Summer of love  सिर्फ निको वर्ल्डस के साथ ……

Summer Of Love : NEXT PART –

COMMING SOON !

 

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