Part 7 – Summer of love : वंश के हाथ श्रेया की कमर पर

LOCATION – तरंग म्यूजिक अकेडमी { Summer of love }
वंश के जाने के बाद श्रेया अभी भी लिफ्ट में बुत बनकर खड़ी थी । । । । । । । । ।
उसकी नज़रें लगातार उस जगह पर थी जहां वंश ने अभी उसे पकड़ा हुआ था । । । । । । । । । ।
श्रेया अभी हुए कांड के खयालों में खोई हुई थी । । । । । ।की लिफ्ट का दरवाजा बंद होने ही वाला था कि उसे राखी की आवाज आई और वह अपने ख्यालों से बाहर आई । । । । । ।
सामने राखी उसे हाथ दिखाते हुए कहती है क्या यहां से वापस नीचे जाने का इरादा है तुम्हारा । । । । । । । । । । । ।
देखो लिफ्ट बंद होने वाली है जल्दी आओ बाहर राखी की बात सुन श्रेया ने अपने ख्यालों को झटका और तुरंत बाहर आ गई । ।
राखी ने श्रेया से उसके हाल-चाल लिए कि वह कल क्यों नहीं आई थी अब राखी को तो श्रेया कुछ बता नहीं सकती थी इसलिए उसने बीमार बाली ही बात उसे बताई वोह वंश से रिलेटेड कोई बात उसे बताना नहीं चाहती थी । । । । । । । ।
वंश जो की वहीं पास में ही पिलर के पास खड़ा था श्रेया की बात सुन उसे थोड़ा बुरा लगा कि उसके कारण श्रेया बीमार पड़ गई । । । । । । । । । । । । । ।
वंश जाती हुई श्रेया को देख रहा था कुछ ही देर में वंश की नजरों से श्रेया ओझल हो गई और अपनी क्लास रूम में चली गई वंश भी अपने क्लास में चला गया जहां पर ऑलरेडी उसके टीचर उसका इंतजार कर रहे थे । । । । । । । । । । ।
राखी और श्रेया दोनों अपनी क्लास में बैठकर बातें कर रही थी कि इतने में ही उनके म्यूजिक टीचर आ गए कुछ देर उन लोग की क्लास चली । । । । । । । । अब तो श्रेया की उस क्लास में काफी जान पहचान हो गई थी एक दो लड़कों का क्रश भी श्रेया बन चुकी थी । । । । । । । । पर वह इन सब से अनजान थी वहीं कोई और भी था जो श्रेया को पसंद करने लगा था । । । । पर यह तो आगे वक्त ही बताने वाला था कि श्रेया किसकी किस्मत पर मुकम्मल होगी । । । । । । । । । । । । ।
क्लास में बैठी हुई श्रेया अपने बैग से दवाई निकालती है कि एकदम से उसे याद आता है कि वह जल्दबाजी में वह पानी की बॉटल लाना तो भूल ही गई । । । । । । । । । । । ।
वह राखी से पानी मांगने के लिए मुड़ती है तो राखी सीट पर नहीं थी वह पीछे साइड किसी लड़की से कुछ बात कर रही थी ।
श्रेया ने उसके बेग के आसपास देखा तो उसे पानी की बोतल कहीं नहीं दिखी इसलिए श्रेया ने न गवारी से सिर हिलाया और अपनी क्लास रूम से बाहर चली गई । । । । । । । । । ।
कुछ ही देर में वह वाटर कूलर के सामने थी श्रेया ने वहां से एक गुनगुना पानी का गिलास भरा और अपनी दवाई खाने लगी अभी उसने दवाई खाकर पानी पिया ही था कि उसे अपनी कमर पर ठंडे हाथ महसूस हुए । । । । । । । । । । । ।।।
यह सब इतनी जल्दबाजी में हुआ कि श्रेया को पानी का ठसका लग गया और पूरा पानी बाहर निकल आया श्रेया ने तुरंत अपनी कमर की ओर देखा तो वहां किसी का भी हाथ नहीं था । । । । । । । । ।
उसने आजू-बाजू मुड़कर देखा पर उस जगह उसके अलावा कोई नहीं था । । । । । । । । । उस हाथ के स्पर्श से उसे पता तो चल चुका था कि यह वंश के ही हाथ है पर उसने कई बार यहां वहां देखा पर जब काफी देर तक उसे कोई नहीं दिखा तो उसे यही लगा कि यह सब उसका भ्रम भी हो सकता है वही श्रेया की यह हरकत देख वंश तिरछा मुस्कुरा रहा था जो की पास की ही रूम की विंडो से उसे अपनी इंटेंस नजरों से उसे देख रहा था । । । । । । । । । । । । । ।
दवाई खाने के बाद श्रेया वापस अपने रूम में आ गई है राखी ने उससे पूछा कि वह कहां गई थी । । । श्रेया ने उसे बताया कि उसे पानी पीना था इसलिए बाहर गई थी । । । । । । । । । । ।
ऐसे ही दोनों की क्लास चली श्रेया का सर काफी देर से दर्द कर रहा था इसलिए उसने राखी से कैंटीन चलने के लिए कहा दोनों ही कुछ ही देर में कैंटीन आ गए । । । । । । । । । ।
श्रेया ने दो कॉफी ऑर्डर किया उसमें से एक कोल्ड कॉफी की जो की राखी के लिए थी और एक हॉट कॉफी जो कि श्रेया ने खुद के लिए आर्डर की थी । । । । । । । । । । । ।
वह काउंटर से दोनों की कॉफी लेकर आ ही रही थी के सामने से आ रहे एक शख्स से वह टकरा गई जिसके कारण उसकी काफी वही टेबल के पास बैठे वंश के ऊपर जा गिरी । । । । ।
कॉफी कुछ इस तरीके से गिरी हुई थी कि वंश की शर्ट और पेंट दोनों ही पूरी खराब हो गई थी श्रेया जिसने अभी वंश का चेहरा तक नहीं देखा था । । । । । । । । । । । । । ।
एकदम से हुए इस कांड के कारण वह घबरा गई और टेबल से उसने टिशू पेपर उठाया और वंश के पेंट को साफ करने लगी उसने ध्यान ही नहीं दिया कि वह धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रही है । । । । । । । । । । । । । । । । ।
वहीं वंश श्रेया कि हर एक हरकत को एक टक देखे जा रहा था जबकी श्रेया को कोई एहसास नहीं था । । । । । । । । । तो वंश ने श्रेया के हाथ को पकड़ा और अपनी वही डोमिनेटेड आवाज में कहा । । । । । । । । । लगता है तुम्हें बहुत जल्दी है यहां पहुंचने की । । । । । । । । । । । । ।
वही वंश की आवाज को सुनकर श्रेया के हाथ अपनी जगह रुक गए और उसने अविश्वास से ऊपर की ओर देखा सामने वंश उसे ही इंटेंस नजरों से घूर रहा था । । । । । । । । । । ।
श्रेया की हालत तो ऐसी हो गई थी कि वह क्या ही करें जब श्रेया ने कुछ रिएक्ट नहीं किया तो वंश ने उसके हाथ पर अपने हाथ मलते हुए कहा प्यार से बोल देती मैं तो ऐसे ही चलने के लिए तैयार था यह सब करने की क्या जरूरत थी । । । । ।
वही श्रेया ने जब वंश की बातों का मतलब समझा तो उसने गुस्से से उसे घूरा और अपने हाथों को झटक कर वंश के हाथों से दूर किया । । । । । । । । । । । ।
वही यह सब कांड कैंटीन में खड़े सभी लोग देख रहे थे जब यह सब हुआ तो सबकी साँसे ही अटक गई थी । । । । । । । । । ।
एक तो वंश और श्रेया दोनों के ही बीच चीजें पहले से ही सही नहीं थी ठीक एक दिन पहले ही श्रेया ने वंश को थप्पड़ मारा था ।
वह भी वंश आहूजा को जिसके आगे कोई बोलने की हिम्मत नहीं करता है और आज उसने उसके ऊपर कॉफी ही गिरा दी पर वंश को इतना नॉर्मल देख सभी हैरान थे वही लड़कियां श्रेया की किस्मत पर जलन के मारे लाल पीली हुई जा रही थी । । । । । उन्हें शुरू से ही वंश की अटेंशन चाहिए थी पर वंश कभी उन्हें भाव ही नहीं देता था वही श्रेया ने उसके ऊपर हाथ उठाया जिसका जवाब में वंश ने उसे कुछ नहीं कहा और आज उसने उसके ऊपर कॉफी गिरा दी पर वंश इतना नॉर्मल होकर बैठा हुआ था यह सब चीजे किसी को भी हजम नहीं हो रही थी । । । ।
वहीं श्रेया की हालत पतली हो रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्यों हर बार वह वंश से ही टकरा जाती है क्या वह किसी की और के ऊपर कॉफी नहीं गिरा सकती थी । । । ।
एक वंश ही था जिसके ऊपर उसने काफी गिराई यह सब सवाल उसके मन में आ रहे थे पर वंश था कि श्रेया को लगातार घूरे जा रहा था । । । । । । । । । । । ।
श्रेया ने अपना गला साफ करते हुए कहा सॉरी बाय मिस्टेक मेरे हाथों तुम्हारे ऊपर काफी गिर गई हालांकि वह यह सब बातें हैं वंश से बिना नजरे मिलाए कह रही थी क्योंकि अभी तक वह वंश के द्वारा किए गए किस के बारे में भूली नहीं थी । । । । । ।
श्रेया की बात पर वंश ने अपनी भौं को उचकाते हुए कहा अच्छा ऐसा है तो फिर मैं सॉरी तुम्हारा तभी एक्सेप्ट करूंगा जब तुम इसे अच्छे से साफ करोगी । । । । । । । । ।
वंश की बात सुन श्रेया ने वंश को घूर कर देखा और कहा मैं अभी साफ ही कर रही थी पर वह अपनी ही बात बोलकर चुप हो गई क्योंकि उसके आगे वंश ने क्या बोला था वह अच्छे से समझ चुकी थी इसलिए उसने अपनी बातों को आगे कंटिन्यू नहीं किया । । । । । । । । । । । । । ।
वंश ने श्रेया की तरफ देखते हुए कहा हां पर जैसे तुम साफ कर रही हो ऐसे ठीक तरह से साफ नहीं होगा तुम चलो मेरे साथ मैं बताता हूं तुम्हें कैसे साफ होगा ये । । । । । । । । । । । ।
इसके साथ ही वंश ने श्रेया का हाथ पकड़ा और कैंटीन के बाहर लेकर जाने लगा । । । । । । । । । । । ।
वही सभी लोगों ने अपने हाथ मुंह पर रख दिए यह क्या हुआ वंश आहूजा ने किसी लड़की का हाथ पकड़ा ,,,,, वही रखी तो परेशान सी यहां वहां देख रही थी उसे श्रेया की चिंता हो रही थी कि आखिर वंश उसे लेकर जा कहां रहा है और लड़कियां वंश और श्रेया को साथ देखकर जल रही थी । । । । । । । । । ।
TO BE CONTINUE : SUMMER OF LOVE
वंश ने अपने पेंट हाउस का दरवाजा खोला और श्रेया को लेकर अंदर आया। । । । । । । । । । श्रेया जिसे वंश के साथ आना पसंद नहीं था पर उसने गलती की थी इसलिए वह चुपचाप उसके साथ आ जाती है जैसे ही वंश अपने घर का डोर लॉक करता है और श्रेया का हाथ पकड़ उसे उस डोर से सटा देता है धीरे-धीरे उसके हाथ श्रेया की कमर की ओर जा रहे थे श्रेया वंश द्वारा किए गई हरकत पर उसे घूर कर देख रही थी । । । । । ।आगे क्या वंश की जुनिनियत और श्रेया की मासूमियत दोनों के बीच करेगी बया एक नई कहानी को जानने के लिए बनी रही है मेरी स्टोरी Summer of love सिर्फ निको वर्ल्डस के साथ ……
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