रोमांचक कहानी : ” SUMMER OF LOVE “श्रेया की बेइंतेहा मोहब्बत ओर वंश का जूनून -पार्ट 4

Part 4 – Summer of love : वंश की बढ़ी धड़कने , श्रेया का डर 

SUMMER OF LOVE PART 4
SUMMER OF LOVE

 

LOCATION – तरंग म्यूजिक अकेडमी { Summer of love }

वंश को थप्पड़ मारने के बाद श्रेया ने अपना बैग उठाया और वह सीधे कैंटीन से बाहर चली गई । । । । । । वहीं कैंटीन का माहौल बिल्कुल गरमा गया था,,,,। । । । । । । ।

वंश की सांसे गुस्से से तेज हो गई थी उसे समझ नहीं आया कि एकदम से क्या हुआ । । । । । । । । राखी जिसने यह सब कुछ देखा था वह तुरंत श्रेया के पीछे चली गई । । । । । । ।

श्रेया गुस्से में आगे चली जा रही थी राखी दौड़ते हुए आई और श्रेया का हाथ पकड़ते हुए उसे एक तरफ ले गई । । । । । । । राखी के ऐसा करने पर श्रेया ने उसे घूरते हुए देखा और कहा क्या कर रही हो अभी मैं गिर जाती ना । । । । । । । । । ।

वही तो मैं तुमसे पूछ रही हूं श्रेया आखिर तुमने किया क्या है । । । तुम जानती हो तुमने किसके ऊपर हाथ उठाया है । । । । ।

राखी ने श्रेया के दोनों हाथों को पकड़ते हुए कहा ,,,, श्रेया ने राखी की बात पर मुंह से मरोड़ते हुए कहा तुम्हें पता है वह कैसी हरकतें कर रहा था वह मुझे देख रहा था अजीब नजरों से । । । । । । ।

राखी श्रेया की बातों का मतलब अच्छे से समझ रही थी पर जितना वह इस अकादमी के बारे में जानती थी उतना अभी श्रेया नहीं जान पा रही थी । । । । । । । । । । । । । । । ।

उसने श्रेया को समझाते हुए कहा ठीक है वह जो भी कर रहा था पर तुम्हें डायरेक्ट उसे थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था राखी ने झुंझलाते हुए कहा । । । । । । । । । । । । । । ।

श्रेया को राखी की बातों पर और गुस्सा आ रहा था और उसने राखी की तरफ देखते हुए कहा तुम्हें समझ आ रहा है मैंने अभी तुम्हें क्या बताया । । । । । । । । । । । । । । । ।

राखी ने श्रेया के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा मैं सब समझ रही हूं ,,,,,,,, श्रेया पर तुम नहीं जानती वंश कोई मामूली लड़का नहीं है । । । । । । । । । । तुम जानती नहीं हो अभी उसके गुस्से को कहीं ऐसा ना हो कि वह इस थप्पड़ का बदला तुमसे बहुत बुरी तरीके से ले । । । । । । । । । । । ।

मैं बस तुम्हारे लिए फिक्र कर रही हूं तुम अभी यहां नई हो यहां की पॉलिटिक्स तुम्हें नहीं पता है । । । । । । । । । । । ।

क्या तुम्हें पहले दिन से नहीं पता था कि वंश इतना अकेला-अकेला क्यों रहता है क्यों वह अकेले ही क्लास अटेंड करता है उसे पढ़ाने के लिए अलग से टीचर क्यो आते हैं । । ।

कोई भी स्टूडेंट उसके पास जाने से भी डरता है और लड़कियां लड़कियों को तो वह अपने आगे पीछे ही रहने तक नहीं देता ।

श्रेया जैसे-जैसे राखी की बात सुन रही थी उसे उसकी कुछ बातें सच लग रही थी । । । । । ।।।।। उसके पहले दिन उस रूम में सच में वंश अकेला था यह बात उसे भी खटकी थी कि क्यों एक मामुली से स्टूडेंट को एक पूरी क्लास ही दे दी गई पर वह यह भी नहीं भूल सकती थी कि वंश उसे किन नजरों से देख रहा था ।

इसलिए उसने राखी की बात को इतना सीरियस नहीं लिया और अपने कंधे से राखी का हाथ हटाया और कहा तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है मैं हैंडल कर लूंगी राखी श्रेया का चेहरा देखते ही रह गई । । । । । । । । । । राखी के चेहरे पर चिंता थी

पूरा दिन ऐसे ही बीत गया जैसे-जैसे समय बीत रहा था श्रेया समझ चुकी थी कि यह सब चीज जो भी राखी ने उसे बताई हैं वह सब ऐसे हवा हवाई ही हैं । । । । । । उनमें कोई दम नहीं है । । । । । ।

घर आने के बाद श्रेया फ्रेश होकर रीना जी के साथ डिनर तैयार करवा रही थी साथ ही वह म्यूजिक अकादमी से रिलेटेड बातें भी बता रही थी पर उन बातों में वंश का जिक्र बिल्कुल भी नहीं था । । । । । । । । । । । । ।

सुबह बाथरूम से नहा कर श्रेया जैसे ही बाहर निकली खिड़की से उसे काले बादल नजर आए श्रेया उन बादलों को देखकर समझ चुकी थी कि आज बारिश होने वाली है । । । । । । । ।

इसलिए आज उसने कुछ गर्म कपड़े पहनने का सोचा ऊपर से माउंट आबू का वेदर ऊपर नीचे होता रहता था इसलिए उसने आज बालों की एक पोनी बांधी और अपना बैग और गिटार लेकर सीडीओ से नीचे आकर नाश्ता करने के बाद उसने रीना जी को बाय कहा और अकादमी के लिए निकल गई । । । । । ।

आज बादल इतने काले थे कि दिन में भी लाइट की जरूरत पड़ रही थी श्रेया अपने दिनभर की क्लासेस अटेंड कर चुकी थी उसकी केवल एक लास्ट क्लास बची थी आज मौसम खराब होने के कारण राखी अकादमी नहीं आई हुई थी । । । । । इसलिए आज पूरे दिन श्रेया ने राखी के बिना स्पेंड किया वह अपनी लास्ट क्लास के लिए गैलरी से होते हुए थर्ड फ्लोर पर जा रहे थी पर यह क्या जो गैलरी स्टूडेंट से भरी रहती है आज वह बिल्कुल सुनसान थी पर श्रेया ने यही समझा कि हो सकता है मौसम के कारण जैसे राखी नहीं आई है वैसे ही आज स्टूडेंट भी कम आए होंगे । । । । । । । । । । । । । ।

उसकी क्लास में भी बहुत कम ही स्टूडेंट थे जो आज प्रेजेंट थे मौसम में आए बदलाव के कारण सभी इस मौसम को इंजॉय कर रहे थे वह अपने में ही मगन बस चली जा रही थी की अंधेरे में ही किसी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे दूसरी तरफ खींच लिया । । । । । । । । । । । । । । ।

उस शख्स का एक हाथ श्रेया के मुंह पर था जिससे श्रेया चिल्ला भी नहीं पाई एक अंधेरे कमरे में ले जाकर उस शख्स ने उसे दीवार से सटा दिया । । । । । । । । । । ।

अंधेरा होने के कारण श्रेया उस शख्स का चेहरा नहीं देख पा रही थी वह शख्स सीधे उसके सामने खड़ा हो गया श्रेया की आंखों में एक अजीब सा डर था और उसे उस शख्स का ऐसे छूना अजीब गर्मी एवं उसके शरीर में झुनझुनी पैदा कर रहा था । । । । । । । । । । । । । । ।

उसने वैसे ही डरते हुए अपनी नजरों को ऊपर किया और उस शख्स का चेहरा देखने की कोशिश की उस अंधेरे में उसे उसका चेहरा क्लियर नजर नहीं आ रहा था कि एकदम से बिजली चमकी बिजली चमकने से हुई रोशनी के कारण श्रेया को उस शख्स का चेहरा दिखा । । । । । । । । । । । । । ।

सामने खड़े शख्स को देखकर श्रेया का पूरा चेहरा लाल पड़ गया उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसकी पूरी बॉडी ठंडी पड़ गई हो । । । । । । । । । । । । । ।

सामने वंश खड़ा था और शिद्दत से श्रेया को घूर रहा था उसकी आंखों में गुस्सा था उसकी आंखें बिल्कुल लाल पड़ी हुई थी वंश को देखकर श्रेया को यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह वही लड़का है जिससे उसने बेझिझक लड़ाई की थी और उसे थप्पड़ मारा था । । । । । । । । । । । । ।

आज वंश का ओरा बहुत ही खतरनाक लग रहा था वंश को ऐसे देखकर अब श्रेया को डर लग रहा था उसे राखी की एक-एक बात याद आ रही थी कि राखी ने उसे समझाया था पर उसने ही राखी की बातों को सीरियसली नहीं लिया । । । । । । ।

वंश श्रेया का डरा हुआ चेहरा देख तिरछी मुस्कान से कहता है क्या हुआ तुम्हें डर लग रहा है श्रेया वंश को एक तक देख रही थी उस अंधेरे में भी दोनों एक दूसरे की करीबी को महसूस कर पा रहे थे वंश और भी श्रेया के नजदीक आ गया और उसने अपने होठों को ले जाकर श्रेया की कान में फूंक मारते हुए कहा डरना भी चाहिए तुमने कल जो डेरिंग का काम किया है उसका नतीजा तुम्हें झेलना पड़ेगा । । । । । । । । । । । ।

वंश आहूजा के ऊपर आज तक उसके घर वालों ने हाथ नहीं उठाया और तुम एक मामूली सी लड़की उसने उसे सीधे थप्पड़ ही मार दिया । । । । । । । । । यह कहते हुए वंश की पकड़ श्रेया के हाथों में कस्ती ही जा रही थी । । । । । । । । । श्रेया वंश की इन बातों को सुनकर और भी डर रही थी वह वंश से छूटने के लिए छटपटा रही थी और श्रेया की इस कोशिश को देख वंश की पकड़ और भी कश्ती जा रही थी । । । । । ।
जैसे कि उसे श्रेया का ऐसा झटपटाना बड़ा ही पसंद आ रहा हो ।

जिस स्पीड से श्रेया झटपटा आ रही थी वंश उतनी ही स्पीड से उसके और करीब आते जा रहा था अब तुम दोनों के बीच हवा निकलने तक की भी जगह नहीं थी । । । । । । । । । ।

वंश के ऐसा करने से श्रेया की सांसे तेज हो गई थी जिससे उसका सीना सीधे ही वंश के सीने से टकरा रहा था और जो काफी था वंश के गुस्से को दूर कर उसकी धड़कने बढ़ाने के लिए । । । । । । । । । । । । । । । ।

TO BE CONTINUE : SUMMER OF LOVE

श्रेया को खुद से दूर जाता देख वंश ने उसका हाथ पकड़ा और उसे वापस से दीवार पर सटा दिया अभी श्रेया वंश को दोबारा कुछ कह पाती कि ईतने में ही उसे अपने मुलायम होठों पर वंश के ठंडे होठों का एहसास हुआ । । । । । । उस एहसास को महसूस कर श्रेया बिल्कुल सन्न रह गई वंश श्रेया के शांत होने पर धीरे-धीरे उसे किस करने लगा यह किस वंश और श्रेया दोनों के लिए ही खास थी पहले तो वंश का कोई ऐसा इरादा नहीं था पर श्रेया के होठों को टेस्ट कर वह बहकने लगा था । । । । । । ।समय के साथ वंश और भी एग्रेसिव हो रहा था श्रेया अभी जिसे कुछ होश नहीं था । । । । । ।।।वंश के होठों पर काटे जाने पर वह होश में आई और उसने वंश को जोर से धक्का दिया । । । ।तो क्या होने वाला है आगे क्या वंश की नफ़रत और श्रेया की मासूमियत दोनों के बीच करेगी बया एक नई कहानी को जानने के लिए बनी रही है मेरी स्टोरी  Summer of love   सिर्फ निको वर्ल्डस के साथ ……

Summer Of Love : NEXT PART –

Part 1- SUMMER OF LOVE

Part 2- SUMMER OF LOVE

Part 3- SUMMER OF LOVE

Part 4- SUMMER OF LOVE

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