Part 9 – Summer of love : वंश श्रेया की नोक झोक , वंश की शर्टलेस बेशर्मी

LOCATION – वंश का घर { Summer of love }
श्रेया की जाने के बाद वंश सीधे अपने रूम में गया और वहां से उसने एक पेंट उठाई और उसे पहन लिया उसने ऊपर शर्ट नहीं पहनी थी वह वैसे ही सीधे किचन में गया और अपने और श्रेया के लिए कुछ बनाने लगा । । । । । । । । । । । । । । ।
करीब 15 से 20 मिनट बाद श्रेया ने वंश की उस सफेद शर्ट को अच्छे से वॉश कर दिया था अब उस शर्ट पर एक भी कॉफी के दाग नहीं थे । । । । । । । । । । । । । । ।
यह तो श्रेया ही बता सकती थी कि उसने कितनी मुश्किलों से उस शर्ट से उसे कॉफी के दाग को हटाया था वह वंश को कोई भी रीज़न नहीं देना चाहती थी कि वह उसे वापस से चार बातें सुनाए । । । । । । । । । । । । । । । । ।
मन भर कर अपना गुस्सा वंश की शर्ट पर उतारने के बाद उसने वंश को कोसते हुए एक तिरछी मुस्कान दी और उस शर्ट को सूखने के लिए डाल दिया । । । । । । । । । । । । । ।
जब वह बाथरुम से बाहर आई तो उसे वंश सोफे पर लेटा हुआ मिला इस समय वंश मोबाइल चला रहा था,,,, वहीं श्रेया वंश को इस हालत में देख अपनी जगह पर रुक गई वंश ने इस समय बस पैंट पहनी हुई थी जो कि उसकी v शेप कमर को काफी अच्छे से दिखा रहा था । । । । । । । । । । । । ऊपर से उसके 8 पैक्स और बायसेप्स कहर ढा रहे थे जिस तरीके से वंश ने मोबाइल को पकड़ा हुआ था उसके ब्रॉड शोल्डर की मांसपेशियां तनी हुई थी । । । । । । । वंश को ऐसा देख श्रेया के दिल की धड़कन बढ़ी हुई थी । । । । । । । । । । । । । ।
वंश जिसे श्रेया के आने का एहसास पहले ही हो चुका था वह वैसे ही अनजान बनते हुए मोबाइल चलाने की एक्टिंग कर रहा था वह देखना चाहता था कि श्रेया उसे कब तक ऐसे ही घूरती रहेगी । । । । । । । । । । । । । । । । । ।
जब काफी देर तक श्रेया अपनी जगह से नहीं हिली तो वंश ने अपना गला साफ किया और मोबाइल को वहीं सोफे पर फेक श्रेया के पास चला गया । । । । । । । । । । । । । । ।
श्रेया अभी भी मग्न होकर वंश की बॉडी को निहार रही थी उसने अपनी आंखें तक झपकाईं नहीं थी वंश बिल्कुल श्रेया के सामने खड़ा था उसने श्रेया की कमर में हाथ डाला और उसे खुद से चिपका लिया । । । । । । । । । । । । । ।
वंश के ऐसा करने पर श्रेया अपने ख्यालों की दुनिया से बाहर आई और उसने तुरंत अपनी आंखों को ऊपर कर वंश को देखा जो कि उसे ही देख रहा था वंश की आंखों में एक अलग ही चमक थी और होठों में एक प्लेफुल मुस्कान । । । । । । । । । । वंश को श्रेया का खुद को ऐसे देखना बहुत ही अच्छा लग रहा था । । । । । । । । । । । । ।
वही अपनी चोरी पकडे जाने पर श्रेया ने वंश को घूर कर देखा और उससे दूर होने की कोशिश करने लगी । । । । । । । । । ।
वंश श्रेया के दूर होने की कोशिशो को देख जोर-जोर से हंसने लगा । । । । । । । । । । । ।
वंश को ऐसा हंसता देख श्रेया ने उससे पूछा तुम हंस क्यों रहे हो और छोड़ो मुझे तुम्हे तो बस मौका चाहिए मुझसे चिपकने का कितने बदतमीज हो तुम बेशर्म कहीं के । । । । । । । । । । । ।
श्रेया की बात पर वंश ने अपनी हंसी को कंट्रोल किया और अपने अंगूठे की मदद से श्रेया की गालों को सहलाते हुए कहा बेशर्म मैं हूं कि तुम । । । । । । । । । । ।
मैं बहुत देर से तुम्हें देख रहा हूं तुम मेरी बॉडी को देख देख कर अपनी आंखों से मेरा कत्ल कर रही हो । । । । । । । । ।
या यह कहा जाए कि तुम मेरा रेप कर रही हो तुम्हारी आंखें मेरी बॉडी पार्ट्स को देख देख कर नैन सुख की प्राप्ति कर रहे हैं । । । । । । । । ।
श्रेया को वंश की बात समझ में नहीं आई खास करके नैन सुख की प्राप्ति उसने ना समझी में वंश की ओर देखा और कहा,,, क्या मतलब है नैन सुख की प्राप्ति । । । । । । । । । । ।
श्रेया की बात सुन वंश ने मुस्कुराते हुए कहा मेरा मतलब है कि तुम अपनी आंखों को ठंडक पहुंचा रही हो मेरे बॉडी से । । ।
वही वंश की बात सुन श्रेया के गाल गरम हो गए उसने यह ध्यान ही नहीं दिया कि वह काफी देर से वंश को घूरने में इतनी बिजी हो गई थी कि उसे आसपास का कुछ होश ही नहीं था और वंश ने उसे ऐसा करते हुए देखा उसने अपनी आंखों को यहां वहां मटकाते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं है । । । । । । । । । वह तो मैं यह देख रही थी कि तुम कितने बदतमीज हो घर में भी नंगे-पुंगे घूमते रहते हो तुम्हारे पास कपड़े नहीं है क्या जब मैं तुम्हारी शर्ट धोने के लिए लेकर गई तो तुम दूसरे कपड़े भी तो पहन सकते थे ना । । । । । । । । । । । ।
श्रेया की बात पर वंश ने वैसे ही हंसते हुए कहा क्या तुम सच में क्यूट हो या तुम्हारा दिमाग ही स्लो है यार घर में कपड़े कौन पहनता है एक घर ही तो ऐसी जगह रहती है ना जहां पर लोग अपनी मनमर्जी से घूम सकते हैं । । । । । । । । । । । । । ।
वंश की बात सुनकर श्रेया ने चिढ़ कर कहा किसने कहा है कि घर में बिना कपड़ों के घूमना चाहिए घर में और भी लोग रहते हैं क्या उनके सामने तुम ऐसे ही बिना कपड़ों में नंगे पुंगे घूमते हो । ।
श्रेया की बात पर वंश ने उसे अपनी आईब्रो ऊंची करते हुए देखकर कहा तुम्हें यहां पर तुम्हारे और मेरे अलावा और कौन दिख रहा है जिसे मैं अपनी बॉडी शो कर रहा हूं एक तुम ही हो जो मेरी बॉडी से अपनी आंखों को ठंडक पहुंचा रही हो बाकी यहां पर तो कोई भी नहीं है । । । । । । । । । । । । । । ।
वंश की बात ने श्रेया का मुंह बंद कर दिया और उसने वंश से मुंह मोड़ते हुए कहा मैंने तुम्हारी शर्ट साफ करदी है और उसे सूखने के लिए डाल दिया है अब मुझे घर जाना है । । । । । । ।
वंश ने श्रेया को परेशान करते हुए कहा तुमने अच्छे से मेरी शर्ट को धोया है ना या बलाए जैसे डाल दिया है । । । । । । । । । ।
वंश की बात पर श्रेया ने नाक सिकोड़ते हुए कहा मैंने तुम्हारी शर्ट को बहुत अच्छे से पटक पटक कर साफ किया है यह बोलते हुए श्रेया अपने ख्यालों में खो गई जब वह वंश की शर्ट को मुक्के मार मार कर धो रही थी तो वह ऐसा फील कर रही थी कि जैसे वह वंश के ऊपर अपने हाथ चला रही है । । । । । । । ।
तुरंत ही वह अपने ख्यालों से बाहर आई उसने तुरंत अपने सर को हिलाते हुए कहा हां मैंने तुम्हारी शर्ट को बहुत अच्छे से धोया है । । । । । । । । । । । ।
अब मुझे तुम जाने दो इसके साथ ही वह आगे जाने लगी कि ईतने में ही वंश ने उसकी कलाई पकड़ी है उसे रोकते हुए कहा चली जाना चली जाना इतनी भी क्या जल्दी है । । । । । । ।
चलो पहले कुछ खा लो । । । । । । । मैंने सुना तुम्हारा सर दर्द कर रहा था । । और मेरे ऊपर काफी गिरने के कारण तुम काफी भी नहीं पी पाई । । । । । । । । । । । । ।
वही वंश की बात पर श्रेया को थोड़ा अजीब लगा वंश को कैसे पता चला कि उसका सर दर्द कर रहा था उसने मना करते हुए कहा नहीं मुझे बस घर जाना है तुम मुझे बता दो मैं कैसे घर जाऊंगी तुम्हे मुझे छोड़ने की भी जरूरत नहीं है मैं चली जाऊंगी । । । । । । । । । । । । ।
पर वंश भी कहां श्रेया की बात मानने वाला था वह श्रेया की कलाई को मजबूती से पकड़ उसे खींचते हुए डाइनिंग रूम की ओर ले गया जहां पर बड़े ही अच्छे तरीके से पास्ता रखा हुआ और साथ में ही दो मग कॉफी के,,,,, कॉफी मग जस्ट अभी बने थे जिससे हल्का धुआं आ रहा था श्रेया का मन उसे देखकर डोलने लगा वह चुपचाप वहां जाकर बैठ गई है । । । । । । । । ।
वंश ने उसे कॉफी पीने का इशारा किया वंश का इशारा समझ वोह जल्दी कॉफी पीने लगी वह इतना तो समझ चुकी थी कि जब तक वह वंश का कहा नहीं मानेगी वह उसे यहां से जाने नहीं देगा । । । । । । । । । । । । । । । ।
कॉफी पीने के बाद श्रेया ने थोड़ा सा ही पास्ता खाया और श्रेया को खाते देख वंश अपनी जगह से उठा ओर रूम में उसने ने अपने कपड़े चेंज किए और श्रेया को लेकर अपने घर से निकल गया कुछ ही देर में श्रेया अपने घर के सामने थी । । । । । । ।
TO BE CONTINUE : SUMMER OF LOVE
वंश ने श्रेया का हाथ पकड़ा और खींचते हुए कॉरिडोर की ओर ले जाने लगा श्रेया जो की हल्के नशे में थी वंश के ऐसे खींचने पर वह गिरने को थी कि वंश ने उसकी कमर पर हाथ रखा और उसे गोद में उठा लिया और उसने अपने दांत पीसते हुए श्रेया से कहा । । । । । । । । । । । तुम्हें किसने कहा था इतनी ड्रिंक करने के लिए हां तुमने किसकी परमिशन से ड्रिंक और तुम्हें लेकर आया कौन था । । । । । । । । । । । श्रेया ने वंश के गले पर हाथ डालते हैं मुस्कुराते हुए कहा तुम्हें इतनी प्रॉब्लम क्यों हो रही है मैंने अपनी मर्जी से पी है मैं यहां अपनी मर्जी से आई हूं समझ में आया तुम्हें वंश ने जब श्रेया की बात सुनी तो वह गुस्से से आग बबूला हो गया उसका मन कर रहा था कि वह श्रेया को अच्छे से बताए कि क्या नतीजा हो सकता था लेकिन अभी वह नशे में थी वह अभी उससे इस हालत में कुछ कहना सिर फोड़ने के बराबर था अभी वह उसे कुछ कह नहीं सकता था । । आगे क्या वंश की जुनिनियत और श्रेया की मासूमियत दोनों के बीच करेगी बया एक नई कहानी को जानने के लिए बनी रही है मेरी स्टोरी Summer of love सिर्फ निको वर्ल्डस के साथ ……
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